International Webinar Change for Good: Life During and After Lockdown
नीव संस्था ने कोरोना वायरस की इस महामारी के दौरान सामाजिक जागरूकता फैलाने के लिए आज अंतरराष्ट्रीय वेबीनार चेंज फॉर गुड: लाइफ ड्यूरिंग एंड आफ्टर लॉकडाउन विषय पर आयोजित किया गया |इस अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार के लिए देश और विदेश के 2347 बुद्धिजीवियों, विश्वविद्यालय एवं कॉलेज प्रोफेसरों और सामाजिक विद्वानों ने देश के प्रत्येक राज्य से ही नहीं वरन , इंडोनेशिया , बंगलादेश सऊदी अरब , अमेरिका, यूरोप, नेपाल इत्यादि देशों के प्रतिभागियों ने अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया।इस वेबीनार में प्रतिभागियों के ज्ञानार्जन हेतु तकरीबन देश और विदेश के प्रतिष्ठित विद्वानों ने अपने विचार रखे। इस अंतर्राट्रीय वेबिनार को आयोजित करवाने में दिगंबर जैन कॉलेज, बड़ौत का खास योगदान रहा |सेमिनार की भव्यता का अंदाजा इस तथ्य से ही लगाया जा सकता है कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के यशस्वी वॉइस चांसलर प्रोफेसर एन० के० तनेजा जी ने इस सेमिनार को अपना आशीर्वाद प्रदान कियाव उन्होंने बताया कि विश्व में भारत का जनसँख्या घनत्व सबसे अधिक होने के बावजूद भी वैश्विक स्तर पैर देखा जाये तो कोरोना महामारी के संक्रमण कि दर भारत में बहुत काम है |इसका कारन भारतियों कि जीवन शैली , विशेष रूप से योग करनेको बताया | साथ ही बताय कि पूरा विश्व भी आज आयुर्वेदिक उपचार कीऔर बढ़ा है जो हमारी पुरातन संस्कृति को दिखता है | नीव संस्था के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ उपदेश वर्मा कार्यक्रम के आयोजन सचिव रहे व उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का सफल सञ्चालन किया | डॉ उपदेश वर्मा ने कोविद 19 महामारी के दौरान नीव संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तृत रूप से बताय की उनकी संस्था ने 2000 से जायद परिवारों को इस दौरान भोजन व खाने का राशन उपलब्ध कार्यवा, व आई आई टी दिल्ली द्वारा निर्मित कवच मास्क को मेरठ, शामली , गुरुग्राम , दिल्ली इत्यादि जगह पर, लगभग 3000 मास्क कोरोना वारियर्स व गरीबों को मुफ्त में बटवाये | उन्होंने बताया कि वेबीनार का उद्देश्य कॉविड परिदृश्य को देखते हुए मानव जीवन की गुणवत्ता एवं लॉकडाउन के दौरान स्वयं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग ,व्यायाम ,पौष्टिक भोजन ,अच्छा एवं आध्यात्मिक ,नैतिक साहित्य एवं सकारात्मकता युक्त लाइफ़स्टाइल को लेकर केंद्रित रहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया की भारतीय संस्कृति योग, प्रकृति एवं आयुर्वेद प्रेमी रही है व तीनो पद्धितियों से ही कोरोना महामारी को हराया जा सकता है व वो कारगर भी सिद्ध हो रही है |कार्यक्रम में इस अवसर पर नीव संस्था के अध्यक्ष अधिवक्ता हरिदत्त ने वर्मा घर पर रहते हुए घरेलू नुस्खों व रोजमर्रा की चीजों से कैसे कैसे सेहत का ख्याल रखा जा सकता पर अपने विचार रखे व कानूनी पक्ष के बारे में भी जानकरी प्रदान की | डॉ शिंजिता अग्रवाल ( दिगंबर जैन कॉलेज ) एवं दिगंबर जैन कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह ने लॉकडाउन के दौरान घर पर रहकर कुछ नया सीखने के लिए पर बल दिया |श्री विशेष भृगुवंशी कप्तान भारतीय पुरुष बास्केटबॉल टीम ने कोविड-19 कॉल मी लाइफ स्टाइल में बदलाव के विषय में बताया कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है अतः शरीर स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है प्रोफेसर अनिल चौहान ने कहां की सतर्कता और भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए लॉकडाउन में स्वयं का और अपने आस-पड़ोस का ध्यान रखते हुए तथा सभी को आपने शरीर के हिसाब से व्यायाम करने व सभी को मिलजुल कर कोविड-19 की लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है परजोर दिया । प्रोफेसर वीरपाल सिंह (जो की नीव संस्था के उपाध्यक्ष भी है ) ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान किये गए परिवर्तन मानव जाती के लिए उपयोगी है साथ ही सभी किये गए परिवर्तनों को भारतीय ज्ञान, परम्परा एवं संस्कृति में निहित होना बताया | उन्होंने कहा की हम सभी को अगली उपयोगी प्रैक्टिसेज को अपनानें होगा | मीडिया का अधिक प्रयोग भी मानसिक तनाव को जन्म देता है मानसिक तनाव से भय की स्थिति उत्पन्न होती है और वह हमारी इम्यूनिटी कम कर देता है अतः तनावपूर्ण खबरों से बचा जाना चाहिए। प्रोफेसर अर्चना चहल ने छात्रों में लॉकडाउन के दौरान बढ़ती आक्रामकता पर विशेष ध्यान देने के लिए छात्रों को प्रेरित किया और बताया की घर पर रहकर छात्रों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में किस प्रकार से मोड़ा जा सकता है। डॉक्टर रंजन वार्ष्णेय (नीव संस्था के उपाध्यक्ष) ने लाइफस्टाइल में परिवर्तन पर बल दिया उन्होंने कहा कि लाइफस्टाइल में सकारात्मक परिवर्तन आपको अधिक स्वस्थ एवं प्रसन्न रख सकता है।डॉ राकेश तोमर ,जो की सऊदी अरब से वेबिनार में मुका वक्त के रूप में जुड़े थे बताय की योग और व्यायाम हमारे दिनचर्या का हिस्सा होना चाइये न की कभी कभी | साथ ही उन्होंने नैतिक और आध्यात्मिक जीवन जी ने के साथ-साथ ऑर्गेनिक वस्तुओं के प्रयोग पर बल दिया।इस अवसर पर नीव संस्था की सचिव डॉ गीतांजलि कौशिक , खजांची प्रोफेसर अनिल मालिक , संयुक्त सचिव डॉ विजय कुमार तिवारी ,श्री सौरभ कुमार , श्री दुर्गेश, डॉ विक्रांत जावला , डॉ कुलदीप चौधरी , इत्यादि ने भी आपने विचार रखे |अंत में नीव संस्था के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ उपदेश वर्मा ने सभी गणमान्य एवं बुद्धिजीवियों का धन्यवाद किया।
डॉ उपदेश वर्मा
नीव संस्था के राष्ट्रीय समन्वयक , कार्यक्रम के आयोजन सचिव
(Asst. Professor Physics, Manyavar Kanshiram Govt Degree College Nandgram, Ghaziabad, U.P.)