विश्व जल दिवस

विश्व जल दिवस 22 मार्च को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस अवसर पर आज नींव (NEEV) संस्था जो कि ग्रामीण परिवेश में रहना वालो बच्चो को शिक्षित कर उनके सर्वांगीण विकास पर कार्य करती है ने एक विश्व जल दिवस की थीम ‘भूजल: अदृश्य को दृश्यमान बनाना’ पर इंटरनेशनल वेबिनार का आयोजन किया । इस वेबिनार में देश- विदेश के विभिन्न भागों से लगभग 500 से ज्यादा प्रतिभागियों ने वेबक्स व यूट्यूब के माध्यम से प्रतिभाग किया। वेबिनार का संचालन डॉ उपदेश वर्मा जो नींव के राष्ट्रीय समन्वयक ने किया ।डॉ वर्मा ने नींव द्वारा जल व पर्यावरण के छेत्र में किये गए कार्यों के बारे में विस्तृत रूप में बताया व अन्य जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी तथा यह अभी बताया कि इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। वेबिनार के मुख्या वक्ता नरेश कुमार माथुर जी जो कि केंद्रीय जल आयोग में मेंबर डिज़ाइन एंड रिसर्च के पद पर रहे है ने इस बात पर जोर दिया कि सतह और भूजल को अलग प्रकार का जल न मन जाये बल्कि पानी तो एक ही रूप का होता है चाहे व भूमिगत हो या सतह पर बहने वाला अतः एक के रूप में माना जाना चाहिए। जल विज्ञान चक्र की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि भूजल का उपयोग सीमित होना चाहिए और कहा कि भारत में अस्थायी जलवायु वाले वर्षा के अस्थायी और स्थानिक भिन्नता से निपटने के लिए जलाशय का निर्माण ही एकमात्र समाधान है। श्री मनीष जैस्वाल जो की दीपुटी डायरेक्टर केंद्रीय जल आयोग व आई ० आई ० टी दिल्ली के पुरातन छात्र है ने बताया कि कैसे जल को संरक्षित रखा जा सकता है व केंद्रीय जल आयोग द्वार संचालित जल संरक्षण हेतु विभिन्न परियोजनाओं के बारे में तथा कैसे जल के छेत्र में छात्र -छात्राओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध है के बारे में विस्तृत रूप से बताया I कार्यक्रम में कृष्णा त्रिवेदी , टुगेदर वे ड्रीम के संस्थापक , वेद पति, प्रिंसिपल अरिस्तोतल वर्ल्ड स्कूल , आदेश जी प्रिंसिपल अमरोहा , डॉ संजीव श्रीस्त्वा आई0 अस ० टी० ई० एम्० बैंगलोर , आयुषी ने भी जल संरक्षण पर अपने विचार प्रस्तुतु किए i