Earthen pots were filled with water

भीषण गर्मी छोटे पक्षियों को बचाने के लिए के लिए व मिट्टी के बर्तन पानी भर कर रखा गया
पर्यावरण जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत नींव संस्था व चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा आज भौतिक विज्ञान विभाग में पारिस्थितिक तंत्र को बचाये रखने में उपयोगी छोटे पक्षियों की क्या उपयोगिता है विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया। आज के मुख्य अतिथि प्रो संजीव कुमार , डीन ,राजीव गांधी केंद्रीय विश्विद्यालय अरुणांचल प्रदेश रहे। डॉ0 राजकुमार जेनर , एडमिन हेड, ग्रेटर वैली स्कूल ग्रेटर नोएडा कार्यक्रम के सम्मानीय अतिथि रहे। को पानी पीने के लिए मिट्टी के पात्र विश्विद्यालय में अनेको जगह रखे गए । प्रो बीरपाल सिंह जी ने बताया किवास्‍तुशास्‍त्र के अनुसार अगर घर में उत्तर दिशा और ईशान कोण में गौरैया अपना घोंसला बनाए तो यह अत्‍यंत शुभ होता है। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और पार‍िवार‍िक द‍िक्‍कतें भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। डॉ उपदेश वर्मा जो नींव संस्था के राष्ट्रीय समन्वयक है उन्होंने बताया कि छोटे पक्षी, सामान्य रूप से, कीड़े और उनके लार्वा को खाते है ।बीज प्रसार में पक्षियां बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए हम पौधों को जमीन पर विभिन्न स्थानों पर अनायास बढ़ते हुए देखते हैं। पक्षी पौधे के फल या बीज खाते हैं। जब ये बीज जमीन पर पहुंचते हैं, तो वे अनुकूल परिस्थितियों में अंकुरण कर सकते हैं। इस प्रकार पक्षी प्राकृतिक बीज फैलाव और पौधे के प्रचार में मदद करते हैं। डॉ0 उपदेश वर्मा, बीरपाल सिंह , श्याम सिंह नोएडा, डॉ0 संजीव कुमार अर्थशास्त्र विभाग, डॉ सचिन व सभी छात्रों व स्टाफ ने इस अवसर फलदार पेड़ भी लगाए। इस अवसर पर मनोहर ,अनित, मानेंद्र ,वीरेंद्र, सौरभ , विकास, मोहित, अतीश, जसीम, आदेश, शिवम, नितिन , सुनील, आदित्य इत्यादि छात्र छात्राये उपस्थित रहे।
प्रो बीरपाल सिंह
डॉ उपदेश वर्मा